The smart Trick of पारद शिवलिंग कहा मिलता है That Nobody is Discussing

पूजा करने से मिलती है भगवान शिव की कृपा

उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं

शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।

पारद शिवलिंग की पूजन विधि और जानेंगे घर पर कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए?

समुद्र मंथन के दौरान उत्पन्न विष को पीकर भगवान शिव ने संसार को इसके विनाश से सुरक्षित रखा था। विष पीने से उनका कंठ नीला हो गया था, इसलिए उन्हें नीलकंठ कहा जाता है। विष की पीड़ा से उत्पन्न दाह को शांत करने के लिए देवताओं और ऋषियों ने शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुरू किया था तब से यह परंपरा आज भी जारी है। शिवलिंग को भगवान शिव का प्रतीक मानकर पूजा जाता है और इसकी पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है।

पारद शिवलिंग की साफ़ सफाई करके पूजा करनी चाहिए।

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पारदेश्वर पदे साक्षात् पूर्ण सौभाग्यनुते ।।   (महर्षि याज्ञवल्क्य) 

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त्यावर चंदन पावडर चा लेप करावा, शक्य असेल तर रोज एक बेल जरूर ठेवावा , अक्षता अर्पित करावी , आणि तुपाचा दिवा लावून कपूर पेटवून आरती ओवाळावी.

आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो here भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।

इस शिवलिंग से जीवन में सुख आता है और दुःख धीरे-धीरे समाप्त होता है।

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देशभर में जो ज्योर्तिलिंग है वे सभी स्वंभू है परंतु पत्थर के शिवलिंग के अलावा शिवलिंग कई प्रकार और पदार्थ या धातु से बनाए जाते हैं। शिवपुराण अनुसार भगवान विष्णु ने पूरे जगत के सुख और कामनाओं की पूर्ति के लिए भगवान विश्वकर्मा को अलग-अलग तरह के शिवलिंग बनाकर देवताओं को देने की आज्ञा दी थी। विश्वकर्मा जी ने अलग-अलग पदार्थों, धातु व रत्नों से शिवलिंग बनाए थे। सभी शिवलिंग को पूजने या उचित स्थान पर रखने का महत्व और उद्देश्य अलग अलग है। पारद शिवलिंग देश में कई स्थानों पर विराजित हैं। इसे पारदेश्वर महादेव कहते हैं। आओ जानते हैं पारद शिवलिंग के बारे में संक्षिप्त जानकारी।

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